आम आदमी की जेब तो दूर अब तो नकली नोटों ने रिजर्व बैंक की करेंसी चेस्ट और एटीएम मशीनों तक अपनी पकड़ बना ली है। एटीएम ने नकली नोट निकलने की सूचना साधारण सी घटना है। लेकिन इस समस्या को खत्म करने के लिए रिजर्व बैंक ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। आरबीआई ने एक आदेश जारी करके निश्चित किया है कि एटीएम या किसी बैंक काउंटर से मिले जाली नोट के लिए बैंक कर्मचारी ही जिम्मेदार होंगे। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा और जुर्माना भी किया जाएगा।
बैंकों और एटीएम मशीनों से मिल रहे नकली नोटों ने आम आदमी के अलावा सरकार की भी नींद हराम कर दी है। पिछले साल गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर और मेरठ समेत कई जिलों में बैंकों पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने छापे मारकर नकली नोट बरामद किए थे। तब करेंसी चेस्ट में नकली नोट मिलने की घटना से सब हैरान रह गए थे। जिसके बाद आरबीआई का रुख सख्त हो गया। आरबीआई के मुख्य महाप्रबंधक यूएस पालीवाल की ओर से जारी आदेशों के मुताबिक किसी बैंक, करेंसी चेस्ट और एटीएम मशीन से नकली नोट मिलना गलत है। इसकी पूरी जिम्मेदारी बैंक कर्मचारियों पर बनती है। उनके खिलाफ जाली नोट संचालित करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। जाली नोटों की कीमत के बराबर जुर्माना वसूला जाएगा। सीजीएम ने आदेश दिया है कि किसी भी तरह बैंक को मिलने वाले जाली नोट की जानकारी रिजर्व बैंक और केंद्रीय गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (एनसीआरबी) के उप महानिदेशक को देनी होगी। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई होगी।
Tuesday, March 9, 2010
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1 comment:
lekin ye kaise saabit hoga ki note wakai bank ke atm se hi nikla hai. banks is baat ko khoothlaa bhi to sakti hain
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